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Tumhare Jaisa Main (Hindi Edition)

Tumhare Jaisa Main (Hindi Edition)

Jaiswal, Himanshu Mohan
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कविता और कहानी के बीच एक खाली जगह है जिसमें बहुत सारे शब्द हैं। उसमें कविता के जैसी लय नहीं है और न ही कहानी के जैसी कोई भूमिका। न कोई शुरुआत है और न ही कोई अंत है। बस कुछ किस्से हैं, कुछ ख़याल हैं, जिनका कोई ओर-छोर नहीं हैं। जो हम कभी भी और कहीं भी सोचने लगते हैं। गौरैया की तरह मन की एक डाल से दूसरी डाल पर फुदकते रहते हैं - ऐसे ख़याल। जैसे कभी किसी स्टेशन पर भीड़ को देखते हुए सोची हुयी कोई बात, कभी किसी बस में सफ़र करते हुए अचानक याद आ गया कोई लम्हा, कभी शाम को घर की छत पर, आंसुओं में, मौन रहकर ली गयी कोई प्रतिज्ञा, कभी बारिशों को देखते हुए ये सोचना कि बारिशें मुश्किल से मुश्किल लम्हों को आसान कैसे बना देती हैं?

हम रोज़ चलते फिरते न कविताएँ सोचा करते हैं न कहानी, दरअसल हम कविता और कहानी के बीच की उस खाली जगह को भर रहे होते हैं। कविताओं और कहानियों के बनने के लिए जो उर्वरक जमीन तैयार होती है वो इसी खाली जगह से होती है। ये किताब उसी खाली जगह से जन्मी है जो न कविता है, न कहानी।

इस किताब में यात्राएँ हैं, कुछ ऐसे किस्से हैं जो मन के एक हिस्से में हमेशा चलते रहे हैं, कुछ सोचा और मोबाइल उठाकर टाइप कर नोट्स में सहेज कर रख लिया लेकिन फेसबुक और इंस्टाग्राम पर डालने में सकुचाता रहा, डायरी में दर्ज वो बातें हैं जो मन हमेशा किसी से कहना चाहता रहा, कुछ कहानियाँ हैं, खुद से किये गए संवाद हैं। कम शब्दों में कहूँ तो ये किताब उस बादल का अचानक बरस जाना है जो तीन सालों से मेरे मन के अन्दर चल रहे संवादों, प्रतिवादों, उम्मीदों, बदलाव और अकेलेपन को अपने अन्दर समेटे हुए था।

Año:
2019
Editorial:
Independently published
Idioma:
hindi
Archivo:
EPUB, 492 KB
IPFS:
CID , CID Blake2b
hindi, 2019
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